ए॓सा मुझे पहले भी कई दफा महसूस हो चुका है कि जो चीज के बारे में मै सोच रहा होता हूं या अपने विचार किसी और से व्यक्त करता हूं कुछ ही समय में वह काम मुझे होता दिखाई देता हैं ! फिर लगता है कि काश कुछ और भी सोचा होता तो वह लालसा भी पुर्ण जरुर होती ! तो खबर का असर कुछ हुआ जरुर है और ए॓तिहासिक कमल बुर्ज की छतरी का कुछ कायापलट हुआ है ! बहुत अच्छा लगा !
अभी तेरह जनवरी के दिन ही मेंने यहां साईट पर एक आर्टिकल लिखा था ए॓तिहासिक कमल बुर्ज की छतरी की व्यथा के नाम से, जिसमें वहां छतरी पर उग आये पेड पोधों से ए॓तिहासिक कमल बुर्ज छतरी को होने वाले नुकसान के बारे में चित्रण किया था !
आज में पांच फरवरी को वहां देखता हूं कि थोडी बहुत साफ सफाई हो चुकी है और छतरी की छत पर उग आये पेड पोधे व खरपतवार लगभग साफ हो चुकें हैं ! ये काम जरुर किसी अच्छी सोच रखने वाले व्यक्ती या संबंधित विभाग का हो सकता है, में सभी पुरातत्व प्रमियों कि तरफ से कोटि कोटि धन्यवाद प्रेषित करता हुं !
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