
पुरानी जींस और गिटार
सन इठतानवे के दौरान पुरानी जींस और गिटार का ये गाना कालेज के लडके लडकियों नें तो इतना सुना इतना सुना की सारे रिकार्ड टूट गये | अली हैदर का यह गीत उस समय सबकी जुबान पर था | ए॓सा हो भी क्यों नहीं, क्योंकि गाना है भी सबके दिल के करीब |
सुनते है कालेज के बीते हुये दिनों को, आज फिर मुझे पता नहीं क्यों स्कूल कालेज के वह सुनहरे दिन याद आ रहे हैं।
सारी घटनायें जो स्कूल कालेज के दिनों मे हर लडके के जीवन में घटती है वे सारी इस गाने में हम क्रमबद्ध तरीके से देख सकते हैं |
लिखा भी इतना खूबसूरत है कि बस मन करता है कि सुनते ही जायें, सुनते ही जायें |
पुरानी जींस और गिटार ० इस गीत के बोल हैः
पुरानी जींस और गिटार
मोहल्ले की वो छत और मेरे यार
वो रातों को जागना
सुबह घर जाना कूद के दीवारवो सिगरेट पीना गली में जाके ।
वो दॉतों को घड़ी-घड़ी साफ
पहुँचना कॉलेज हमेशा लेट
वो कहना सर का – ‘गेट आउट फ्रॉम दी क्लास |वो बाहर जाके हमेशा कहना –
यहॉं का सिस्टम ही है खराब ।
वो जाके कैंटिन में टेबल बजाके
वो गाने गाना यारों के साथ
बस यादें, यादें रह जाती हैं
कुछ छोटी, छोटी बातें रह जाती हैं ।
बस यादें…………वो पापा का डॉटना
वो कहना मम्मी का – छोड़िए जी आप |
तुम्हें तो नजर आता है
जहॉं में बेटा मेरा ही खराब !वो दिल में सोचना करके कुछ दिखा दें
वो करना प्लैनिंग रोज़ नयी यार ।
लड़कपन का वो पहला प्यार
वो लिखना हाथों पे ए प्लस आर.वो खिड़की से झॉंकना
वो लिखना लेटर तुम्हें बार-बार
वो देना तोहफे में सोने की बालियॉं
वो लेना दोस्तों से पैसे उधार
बस यादें, यादें रह जाती हैं
कुछ छोटी, छोटी बातें रह जाती हैं ।
बस यादें…………ऐसी यादों का मौसम चला
भूलता ही नहीं दिल मेरा
पुरानी जींस और गिटार…..
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