विकलांग लोगों के साथ सदव्यवहार:
हम अपने आस पास काफी विकलांग लोगो को देखते हैं, बीमार या विकलांग होना कोई गुनाह नहीं है, दुर्घटनाएं किसी के साथ भी हो सकती हैं और बीमार कोई भी हो सकता हैं, फिर चाहे आप हो या हम | पर फिर भी हम रोजाना की जिंदगी में देखते हैं कि विकलांग लोगों को बहुत ही हेय नजर से देखा जाता हैं | मानो किसी बस में यदि कोई विकलांग आदमी या औरत चढ़ उतर रहे होते हैं तो सबको उस समय ही बडी जल्दी मचती हैं | कोई यूं नहीं की एक आध मिनट कम ज्यादा हो गया तो क्या हुआ, आगे जल्दी जा कर भी क्या तीर मार लिया जायेगा |
बीमार विकलांग व इस तरह के लोगों को हमारी हमदर्दी व एहसानों की जरुरत नहीं हैं, जरुरत है तो सिर्फ हमारे स्नेह, प्यार और मित्रवत व्यवहार की | अगर थोडी सी मदद अगर हम कर पायें तो क्या जाता हैं | अभी कुछ समय पहले मेनें ए॓सी ही एक लडकी को देखा जो उसी के स्कूल की हमउम्र आंशिक विकलांग लडकी की खास सहेली हैं | वे दोनो बहुत खास दोस्त हैं और उनमें तालमेल ही कुछ ए॓सा बैठा है कि किसी को कोई कमी नजर नहीं आती | पर सोचो जो भी लोग विकलांग लोगों के साथ सदव्यवहार करते हैं ये बडी तारीफ की बात हैं | काश सभी लोगों के मन में ए॓से भाव आयें |
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