सेना भर्ती और दंगे :
हमारे देश के राज्यों और प्रदेशों में सेना या पुलिस की भर्ती के दौरान दंगे होना अब एक बडी आम सी समस्या हो चुकी हैं और हाल ही राजस्थान में हुए दंगे, लूटपाट, आम जनता के साथ खींचातानी और सरकारी सम्पत्ती को जो नुकसान पहुंचाया गया हैं, वह असहनीय ही था पर अब ये जो हो चुका हैं तो हो गया हैं, अब पीछे कितने भी लट्ठ जमीन पर पटको कुछ होने जाने वाला नहीं हैं |
पर कुछ मिलाकर ये भर्ती प्रक्रिया के दौरान होने वाले हादसे, दंगे इनके लिये जिम्मेदार हैं कौन ? हम ही तो हैं ना और या फिर सरकार हैं, जो पुख्ता बंदोबस्त नहीं कर पाती हर बार दंगे होते ही हैं, आखिर में युवा तो युवा हैं ही उनकी नौकरी किसी सेटिंग वाले के साले बहनोई को दे दी जाए तो गुस्सा तो होना लाजमी हैं ना, फिर अपने देश में अंदरुनी सेटिंग का भी तो कोइ तौड नहीं हैं |कोई लाख नियम कायदे बना डाले पर हमारा तत्रं ही ए॓सा ही की कहीं ना कहीं कुछ रसूखदारों के लिये गुंजाइश हो ही जाती हैं |
कोई युवा चाहे हर चीज से पास हो जाये पर कहीं ना कहीं कोई जोलझाल कर के, उसकी बजाय किसी ए॓से को नौकरी दे दी जाती हैं जो किसी रसूख वाले का कुछ लगता हैं या उपर से फोन करवा कर आया हैं, या जिसने बडे अमाउंट में किसी को पैसे खिलाये है |
पर पुलिस और सेना के पदों की भरती में होने वाली धांधली को रोकना होगा, हमारे युवा पथभष्ट हो रहे हैं और नतीजा दंगे, लूटपाट, आगजनी और ना जाने क्या क्या | हमारी सरकार को कुछ ना कुछ ए॓सा करना होगा कि कोई भी युवा प्रार्थी जो नौकरी के लिये आया हैं वो ए॓सी गंदी हरकत ना कर पाये |
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