
Dudhaleswar Hut
दूधालेश्वर इको डेस्टिनेशन पाइंट पर्यटन हेतु एक बहुत ही अच्छी जगह है जो कि रावली टाडगढ़ अभ्यारण्य, राजसमन्द के भीम तहसील में बरार गांव के नजदीक स्थित हैं | राजनगर से भीम देवगढ़ जाने वाली सडक पर ये लगभग 118 Km दूरी पर ये आता हैं| रावली टाडगढ़ अभ्यारण्य यहां एक बहुत ही प्राकृतिक और रमणीक स्थल हैं, जंगल सफारी, पक्षी प्रेमी, वन्य जीव प्रेमी और प्रकृति प्रेमी, लोग यहां जा कर बहुत आनन्द पा सकते हैं |
घने जंगल से घिरा होने के कारण दूर दूर तक प्रदूषण नहीं हैं, यहां रात को चांद तारे प्रदूषण के ना होने के कारण ए॓से साफ दिखाई देते हैं कि ये लगता है जैसे ये एक अनमोल अनुभव है जो कि शहर से दूर जाने पर ही प्राप्त किया जा सकता हैं | फोरेस्ट डिपार्टमेंट का यहां इको डेस्टिनेशन पाइंट हैं वाजिब दामों पर ठहरने, खाने पीने की भी यहां व्यवस्था हो जाती है | वैसे ये दूधालेश्वर इको डेस्टिनेशन पाइंट अधिकतर बिजी रहता हैं क्योकि सरकारी विभागों के अफसर, या उनके परिचित आदि यहां शनिवार रविवार को आते रहतें हैं |
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Way to Dhudhaleshwar Eco Point
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Dhudhaleshwar Temple
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Eco Point
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Bird we Saw There
दूधालेश्वर इस जगह का नाम यहीं के दूधालेश्वर महादेव मंदिर के नाम से पडा हैं, ये प्रकृति और सघन पेडों से घिरा मंदिर है जो कि बहुत ही अच्छा दिखता हैं यहां बंदर काफी हैं पानी के कुंड और एक कुई भी हैं, बरामदे आदि भी बने हुए हें बारिश के दौरान यहां अच्छे नजरे रहते होंगे, क्यूं की हम लोग तो यहां नवंबर माह में गये थे तो सघन जंगल होने के कारण इस वक्त काफी ठंड रहती हैं |
टाडगढ़ के नजदीक होने से रावली टाडगढ़ अभ्यारण्य का नाम ब्रिटिश इतिहासकार कर्नल जेम्स टाड के नाम पर पडा है जो कि अंग्रेजो के शासनकाल में यहां बहुत रहे और उन्होने उस दौरान भारत और मेवाड के इतिहास के बारे बहुत कुछ लिखा जो आज भी प्रासंगिक हैं, उनके ही नाम पर एक तीन कि.मी. का नेचर वाक ट्रेल भी यहां पर है जो हमें पैदल ट्रेक करते हुए जंगल के अंदर जाने को आमन्त्रित करता हैं |

James Tod Nature Trail
फोरेस्ट विभाग से यहां कोई ना कोई गाइड यहां हमेशा होते हैं, जो हमें वन्य जीवन और यहां के जीवों के क्रियाकलापों के बारे में और भी अधिक जानकारी हमें बताते चलते हैं | जंगल सफारी में हम जंगल के अंदर छः सात कि. मी. अपने वाहन से जा सकते हैं जो कि एक कच्चा रास्ता है और यहां भी जानवर नजर आ सकते हैं |
पैदल ट्रेक बहुत ही रोमांचक बन पडता हैं, यहां पैदल ट्रेकिंग और जंगल सफारी के दौरान हमें, जंगली भेंसे, जंगली सूअर, नीलगायें, चीतल, सांप, नेवले, जंगली खरगोश, बिज्जू और बंदर आदि देखने को मिले | पक्षीयों में यहां हमने कबूतर, मोर, बटेर, तीतर, तोते, विभीन्न चिडीयाएं आदि देखीं ये अनुभव बहुत ही मनमोहक था | [Read more →]