राजसमंद में फिर पेंथर:
राजसमंद में पेंथर संबंधित खबरें इस बार इतनी बनी हैं कि बस, सिर्फ एक छः महिने के अल्प समय में कई बार पेंथर इंसानो के घरों, बाडों और सडकों पर आये हैं | कुछ समय पहले ही राजसमंद के कांकरोली, पडासली, नाथद्धारा, कुंभलगढ़ एरिया और मार्बल की खदानों के आस पास अक्सर पेंथर परिवार देखा गया है | लगता हैं कि पेंथर आदि के लिये राजसमंद की आब औ हवा अनुकुल हैं और इन्हे यहां आसानी से खाना पानी भी मिल रहा हैं तभी ये आम जनता को बार बार दिख ही जाते हैं |
आस पास के गावों के बाडों में से बछडे ले जाना और गायों भेंसों पर हमला तो अनेको बार ये कर चुके हें | प्रशासन भी भरसक प्रयास कर रहा है कि इन्हे पकड कर सेंचुरी या और कहीं सुरक्षित पहुंचाया जाये | पर राजसमंद के फोरेस्ट विभाग के पास संसाधनों की कमी हें, ट्रांकुलाईजेशन एक्सपर्ट भी यहां नहीं हे और ना ही जरुरी साजो सामान |
अभी हाल ही में लंगोट चौराहे के पास जब चार माह का पेंथर का बच्चा कहीं से आकर के मोटरसाइकिल के नीचे बैठ गया था , फिर लोगों की भीड से घबरा कर मकानों के किनारे बनी नाली में छिप गया था उसे भी हमारी काकंरोली की फायर बिग्रेड व पुलिस जवानों की मदद से वन विभाग के जवानों ने पकडा | खैर जो हुआ अच्छा हुआ, पर भविष्य में प्रशासन इन पर ध्यान दे ताकि शहरों में जंगली जीव जानवर ना आयें |
अब तक कोई भी टिप्पणी नहीं ↓