झाला का बलिदान ये कविता रचि है वीर रस के अमर कवि श्याम नारायण पान्डेय ने | झाला जो कि राणा प्रताप की ही सेना का एक बहुत बहादुर सिपाही था | उसके अमर बलिदान की कहानी है यह |
झाला राणा प्रताप के साथ ही युद्ध मे शामिल था और वह भी बडा ही वीर योद्धा था, दिखने में भी थोडा वह राणा प्रताप के जैसा ही लगता था | झाला ने हल्दीघाटी में देखा की राजपूत सेना मुगल फोजों से कमजोर पड रही है और मुगल सेनिक राणा प्रताप पर आक्रमण करने के लिये आतुर है |
तब झाला ने तुरंत निर्णय लिया कि राणा को अपनी जान बचाने के लिये किसी सुरक्षित स्थान पर जाना ही होगा | झाला ने तुरंत शाही निशान आदि लेने के लिये महाराणा से अनुमति मांगी और उनसे अर्ज किया की वे अपनी जान बचायें | राणा प्रताप चेतक पर सवार दूर निकल गये, और मुगल सेना झाला को राणा प्रताप समझ कर उस पर टूट पडी, इस तरह से झाला ने अपना बलिदान देते हुए भी अपने राजा महाराणा प्रताप की जान बचाई और अमर शहीद कहलाया |
हल्दीघाटीः झाला का बलिदान | श्याम नारायण पान्डेय
रानव समाज में अरुण पडा | अपनी तलवार दुधारी ले
जल जंतु बीच हो वरूण पडा | भूखे नाहर सा टूट पडा
इस तरह भभकता था राणा | कल कल मच गया अचानक दल
मानों सर्पों में गरूड पडा | अश्विन के घन सा फूट पडा
हय रुण्ड कतर, गज मुण्ड पाछ | राणा की जय, राणा की जय
अरि व्यूह गले पर फिरती थी | वह आगे बढ़ता चला गया
तलवार वीर की तडप तडप | राणा प्रताप की जय करता
क्षण क्षण बिजली सी गिरती थी | राणा तक चढ़ता चला गया
राणा कर ने सर काट काट | रख लिया छत्र अपने सर पर
दे दिये कपाल कपाली को | राणा प्रताप मस्तक से ले
शोणित की मदिरा पिला पिला | के सवर्ण पताका जूझ पडा
कर दिया तुष्ट रण काली को | रण भीम कला अतंक से ले
पर दिन भर लडने से तन में | झाला को राणा जान मुगल
चल रहा पसीना था तर तर | फिर टूट पडे थे झाला पर
अविरल शोणित सी धारा थी | मिट गया वीर जैसे मिटता
राणा क्षत से बहती झर झर | परवाना दीपक ज्वाला पर
घोडा भी उसका शिथिल बना | झाला ने राणा रक्षा की
था उसको चैन ना घावों से | रख दिया देश के पानी को
वह अधिक अधिक लडता यदृपि | छोडा राणा के साथ साथ
दुर्लभ था चलना पावों से | अपनी भी अमर कहानी को
तब तक झाला ने देख लिया | अरि विजय गर्व से फूल उठे
राणा प्रताप हैं संकट में | इस तरह हो गया समर अंत
बोला ना बाल बांका होगा | पर किसकी विजय रही बतला
जब तक है प्राण बचे घट में | ए॓ सत्य सत्य अंबर अनंत ?
भीखाराम कङेला युथ कागेस बीकानेर // May 4, 2013 at 2:57 pm
राजस्थानी ऩै मान्यता दो ।
Jitendra Singh jhala // Aug 28, 2016 at 1:41 pm
I proud of you hkm jai Rajasthan.
THAKUR KAILASHPRATAPSINH BAIS // May 10, 2018 at 5:34 am
JAI MAHARANA
JAI RAJPUTANA
Poonam // Oct 2, 2019 at 4:34 am
Is kavita k word meaning like ran bheem kala aatank ka kya means h