हर वर्ष की भांति इस बार फिर से गणतंत्र दिवस आ गया है, यह दिन हे देशभक्ति के गीत सुनने का, देश की आजादी की लडाई में काम आ चुके शहीदों को याद करने का । यह दिन हे स्कुलों व सरकारी कार्यालयों मे बडे लोगों (जो हाई डोनेशन दे सके) द्वारा झण्डारोहण करवाने का, यह दिन हे मोटी तोदं वाले नेताओं के उबाउ भाषण सुनने का, यह दिन हे पी. टी. , परेड व सांस्कृतिक कार्यक्रमों का, यह दिन है तरह तरह की झाँकिया देखने का, यह दिन हे छोटे छोटे बच्चों की परेड का, यह वही दिन हे जब स्कुलों मे मिठाईयां बांटी जाती है, मुट्ठी भर बुन्दी (या कोई भी मिठाई) जो कोई बच्चा शायद अपने घर पर खाए या नहीं, पर ईस दिन तो बच्चों को वो चंद बुन्दी के दाने भी ईतने स्वादिष्ट लगते हें जेसे दुनिया में ईससे बहतर कोई मिठाई ही ना हो ।
तो आईये, आज 26 जनवरी के दिन हम सब मिल कर फिर से एक बार वन्दे मातरम् गाते हैं, व अपने देश भारत के विकास के प्रति हर रुप से कटिबद्ध होने का स्कल्प लेते है, सिर्फ युं ही उपरी मन से नही अपने अन्तर्मन से व अपनी आत्मा से। हम सब मिल कर आज के दिन कम से कम एक छोटा सा प्रण लेवें कि हम अपने देश की राष्ट्रीय सम्पत्ति को किसी भी प्रकार से नुकसान नहीं पहुंचाएँगें ।
सभी को एक बार फिर से हमारे गणतंत्र दिवस की ढ़ेर सारी शुभकामनाएँ ।
संजय बेंगाणी // Jan 26, 2007 at 4:05 am
“हम अपने देश की राष्ट्रीय सम्पत्ति को किसी भी प्रकार से नुकसान नहीं पहुंचाएँगें”
इस प्रकार के संकल्प कि इन दिनो कुछ ज्यादा ही जरूरत है.
Hitendra singh ramaiya // Jan 23, 2013 at 1:56 am
भारत के इतिहास मेँ 26 जनवरी 1950 का दिन एक महत्वपूर्ण दिन है । इस दिन भारत देश ने संविधान को अपनाया । संविधान के मुताबिक हमारा देश एक संप्रभु , समाजवादी , और स्वाभिमान का पावन दिवस है ।
26 जनवरी 1950 देश मेँ गणतंत्र की स्थापना की याद मेँ मनाया जाता है । हर साल जाङे की ऋतु मेँ भारत की कोटि – कोटि जनता अपने इस प्यारे पर्व को मनाती है ।
कोटि-कोटि जनता का प्यारा
अमर रहे गणतंत्र हमारा॥
॥जय हिँद॥