कई बार में अपने आस पास समाज में हो रही गलत बातों के बारे में लिखने की सोचता हूं, और मन उदास हो जाता है क्योकि बहुत सी बातें ए॓सी होती हैं, जिन पर हमारा बस नहीं चलता, और लगता है कि ये दुनिया ए॓सी ही हैं और यूं ही चलती रहेगी, क्यों फालतू कुछ प्रयास करके भी निरर्थक श्रम जाया करना |
यूं भी मेरी लेखनी की धार तेज और पैनी हैं, ये में जानता हूं | कुछ सही गलत लिख …. कह के में भी किसी और को अपना दुश्मन बनाना नहीं चाहता |
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