कभी सोचता हुं, क्या लिखुं, ईस विषय पर लिखुं या उस विषय पर । खेर, कुछ ना कुछ तो मन की भडास निकालनी ही होगी । अभी तो ये हाल है कि, हर कोई एश्वर्या व अभिषेक की शादी के बारे में चर्चाएँ कर रहा हे । जो टी. वी. चैनल खोलो वहां पर ये का ये ही आ रहा हे । आखिर ये मीडीया वाले किसी कि निजी जिन्दगी को निजी क्यों नहीं रहने देते । भला ये क्यों किसी सफल व बडे व्यक्ती के पीछे हाथ धो कर पड जाते हें।
ले दे कर फलां नेता को सर्दी लग गई, फलां नेता या बडा आदमी बीमार हो गया ये तो होती है टी. वी. चैनलों की हाट न्युज । और कहीं पर लोग सर्दी से मर रहें हें, कोई भुखमरी, रिश्वतखोरी व भष्ट नेताओं जेसी बडी समस्याओं के खिलाफ लड रहा हे, उनका कोई कुछ नहीं । पता नहीं मीडीया के प्रति आम जनता की क्या धारणा है, कहिये आप क्या कहते हें ।
अनुराग मिश्र // Jan 23, 2007 at 12:04 pm
ISRO की सफलता पर विस्तार से समाचारों में नहीं दिखा।
सागर चन्द नाहर // Jan 24, 2007 at 12:04 am
यह व्यवसायिकता का जमाना है इसलिये अकेले मीडीया को दोष देना भी सही नहीं है क्यों कि हम खुद वही सब देखना चाहते हैं। औए वैसे भी वे लोग कोई समाज सेवा करने नहीं बैठे, अगर भूखे मरते लोगों को दिखायेगा तो कौन देखेगा? जब कि ऐश- अभि के समाचारों को कितने लोगों ने देखा होगा। कोई खुश हुआ होगा कोई मन ही मन रोया होगा मानो उसकी बहुत बड़ी संपति लुट गयी हो :)
kamal singh yaduvanshi. kota // Apr 20, 2011 at 11:50 am
media pe partikriya dene wale apne ko media me rakha ke dekhe.. agr bap reporter hai or ap ke samne ek esa maamla aaye jo ap ke sampadak yaa news paper malik ke kisi jaankar ke khilaf hai.. or ap se khabar nahi banane ko kaha jaaye…. ab ap batao kya karoge ap