गणगौर का पर्व फिर से आ गया है । कुछ दशकों से हमारे यहां राजसमन्द में गणगोर महोत्सव बडी धुमधाम से मनाया जा रहा हैं। विशेष तौर से अब नगरपालिका राजसमन्द इस कार्य व आयोजन में इन्ट्रेस्ट लेने लगी है बाकी पहले यह सारे इन्तजामात जनता मन्च, कांकरोली के द्वारा द्वारा किये जाते थे। वेसे तो पुरे राजस्थान में गणगौर काफी प्रसिद्ध त्योहार के रुप में मनाया जाता रहा है पर इस गणगौर को भव्यता के साथ मनाने के मामले में जयपुर, उदयपुर और राजसमन्द थोडे ज्यादा ही मशहुर है ।
मुख्य रुप से गणगौर तीन दिन तक मनायी जाती है। जिनके नाम है हरी गणगौर, गुलाबी गणगौर व चुन्दडी गणगौर । बालकृष्ण स्कुल के ग्राउंड में हर साल विशाल मेले का आयोजन किया जाता है। राजसमन्द में द्वारिकाधीश मन्दिर से गणगौर की सवारी (शोभायात्रा) निकाली जाती है जो नगर के मुख्य रास्तों से होती हुई मेला प्रांगण तक पहुंचती है। इस भव्य सवारी पर नगर के लोगों द्वारा जगह जगह पुष्प वर्षा की जाती है। कहीं कहीं तो सज्जन लोग सवारी में सम्मिलित लोगों के लिये जल व शरबत का भी इंतजाम करवाते है।
अंत गणगौर की सवारी मेले तक पहुंचती है फिर पुजा, घुमर, मल्यार्पण आदि के बाद शुरु होते हैं सांस्कृतिक कार्यक्रम, जो देर रात तल चलते हैं। एसा तीनों दिन होता है। कवि सम्मेलन, लोकल कलाकारों की नृत्य व गायन कला का प्रदर्शन और बाहर से बुलाए गए कलाकारों के प्रदर्शन [Read more →]