काकंरोली राजसमन्द में पुस्तकालय लाईब्रेरी:
चौंक गये ना | पर सही बात है, काकंरोली शहर में अभी कोई पुस्तकालय या पब्लिक लाईब्रेरी नहीं हैं | बहुत पहले लगभग 30 वर्ष पहले शहर में रोटरी और लायन्स क्लब बडे प्रसिद्ध हुआ करते थे, बडे बिजनस मेग्नेट, व्यवसायी लोग आपस मे जानपहचान बढ़ाने, मनोरर्जन और समाज सेवा आदि के लिये इन क्लबों के मेम्बर बनते थे | और ये क्लब कुछ ना कुछ जनसेवा के कार्य करवाते रहते थे जेसे गरमी में पानी की प्याउ, आदि | इन्ही में एक पब्लिक लाईब्रेरी को चलाये रखने का कार्य भी हुआ करता था |

A Book : sambodhan
मुझे याद हे बचपन में बालकृष्ण विधा्भवन स्कूल में एक नियत समय के लिये पब्लिक लाईब्रेरी खुलती थी जहां शहर के लोग फुरसत निकाल कर आया करते थे | मनोरंजन के साधनों की कमी थी, अखबारों, पत्र पत्रिकाओं से ही सारी आवश्यक जानकारीयां मिला करती थी | फिर कुछ समय बाद बस स्टेंड पर पालीवाल मार्केट के यहां , दूसरी मंजिल पर वो पब्लिक लाईब्रेरी या पुस्तकालय चला करता था | और कहते हेँ कि नगरपालीका या पंचायत समिति के तो टेबल कुर्सी आदि होते थे और क्लब पुस्तकों अखबारों आदि कि व्यवस्था कर दिया करता था | ए॓से सहयोग से ये कार्य किया जाता था | बहुत पहले राजनगर में भी एक पुस्तकालय संचालित हुआ करता था, पर अब कहां |
द्धारिकाधीश मंदिर का पुस्तकालयः सालों से ये पुस्तके आम लोगों के देखने पढ़ने के लिये उपलब्ध नहीं थी पर अब द्धारिकाधीश मंदिर में भी एक पुस्तकालय संचालित है और ये सच में बहुत अच्छी बात हैं कि इतने जतन से पुरानी किताबों, ग्रन्थों को यहां संजो के रखा गया हैं एक ब्रजवासी मित्र नें बताया कि यहां कि हर एक किताब कम से कम 80-100 साल या उससे भी पुरानी है, कोई कोइ पुस्तक तो 400 साल पुरानी भी हो सकती हैं | यहां ज्यादातर पुस्तके जो है वे पुष्टिमार्ग और वल्लभ संप्रदाय, कृष्णलीलाओं आदि से संबंधित होनी चाहिये | यहां का शांत और शीतल और एकांतपुर्ण वातावरण पुस्तक प्रेमीयों के लिये स्वर्ग जैसा ही हैं |
अजीम प्रेमजी फाउन्डेशन पुस्तकालयः अजीम प्रेमजी फाउन्डेशन काफी सारे सराहनीय कार्य देश में कर रहा हैं इसी कडी में पचास फीट रोड, कांकरोली पर एक पुस्तकालय का भी संचालन किया जाता हैं |
पुस्तक प्रेमी और कविता या साहित्य से लगाव रखने वाले लोग इन सुविधाओं का लाभ ले सकते हैं, ये हैं उंट मे मुंह में जीरे जेसी, पर कारगर हैं, और एक बात और पठन पाठन से एकाग्रता बढ़ती हैं और मन शांत होता हैं, देश दुनिया की खबरों का पता चलता हैं,व्यक्ति खुशमिजाज बनता हैं |
Adil mansuri // Feb 1, 2019 at 11:27 am
Ye librery kha par h ya kha banae jaegi…..?
imran khan // Dec 19, 2019 at 3:25 am
Sir Ji me aap jese experience logo se milnaa pasnd Krunga or aap se bahut kuch sikhna chaunga
suresh // Apr 7, 2020 at 11:48 pm
library ka address btaye…