राजसमन्द झील में पानी का स्तर अब 28 फीटः
ताजा अपडेटः आज 30-8-018 तक पानी झील में 28 फीट तक आ पहुंचा हैं और आवक जारी है |
यहां के लोगों में राजसमन्द झील के पूरी भरने की आस फिर से जागी है | आज 8-8-017 को यहां पानी का स्तर 24 फीट हो चुका हैं, पिछले साल ये लगभग 19-20 फीट तक ही पहूंचा था | पर इस बार लगभग 10 फीट पानी तो एक ही दिन में आ पहुंचा जो की एक तरह का रिकार्ड ही है | हर एक डेढ़ घंटे में एक एक फीट की रफ्तार से पानी बढ़ा हैं | रात को चार फीट, सुबह देखा तो तेरह फीट, ये तो अचंभा ही था एक तरह से |
जानकारों की मानें तो यहां झील लबालब यानी 32-34 फीट होने पर चादर चलती हैः
कह रहे हैं कि पहले सन 1972-73 में एक बार झील पूरी भरी थी तो कमल बुर्ज की आखिरी छतरी से आगे बनें भाणा लवाणा वांसोल के रास्ते में यहां चादर चली | ये नजारा देखने आसपास के कई सेाकडों लोग यहां पहूंचे | उसके बाद फिर ए॓सा हो ना सका, कालांतर में मार्बल माइंनिंग व्यवसाय के कारण गौमती नदी से झील तक पहुंचने का रास्ते में बहुत से खड्डे और स्लरी के पहाड अवरोध बने, फिर तो ये होना असंभव ही था |
पर प्रभु की लीला देखों यहां दुनिया में सब कुछ एक पहिये की तरह है, जो गरीब हैं पेसा पाता हैं, जिन्दा मरता है, सूखे पत्ते झडने के बाद नई कौंपले फिर से आती है वैसे ही खाली झीलें भी भरती है | दुख इस बात का है कि कुछ दिन बाद फिर से किसान आयेंगे पाणेत, रेलणी व खेतों को न्यूनतम दामों पर पानी से सिचाईं की मांग लिये | फिर कोई नेता अपने वोट बेंक को दुख मे देख कर घडियाली आंसू बहाएंगे, हाय तौबा करेंगे लडाईयां प्रदर्शन करेंगे | सरकार हाथ ढ़ीले करेगी ही क्यूं कि ए॓सा नियम बन चुकुा है कि दस फीट ही रखा जायेगा झील का पानी |
बाजारों के जानकार अर्थेशास्त्री बता रहे है कि इस बार खूब पानी हुआ है, बम्पर फसले हो रही है किसानों को अनुदान मिल रहे हैं अबके गेहुं सस्ते होगें | पर हाय री आम आदमी कि किस्मत ये तो फूटे चाय के कुल्हड जैसी ही तो है, काम निकल जाये तो उन्हे कौन पूछता हैं |
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