राजसमन्द से सौ किलोमीटर की परिधी में हमने अब तक कोई भी घुमने लायक स्थान नहीं छोडा । मोटरसाईकिल उठाई, एक दो दोस्तों को फोन घुमाया वे भी तैयार और हम भी । थोडा बहुत नाश्ता पानी साथ लिया और ये निकल चले हम घुमने । छट्टी के दिन अक्सर एसा ही रूटीन रहता था पहले हमारा । तो कुछ समय पहले हम इस बहुत ही खूबसूरत स्थान पर पहुंचे ।
यह राटासेन माताजी का मंदिर उदयपुर के श्री एकलिंग जी ट्रस्ट के अधीन आता है । मेन राजसमन्द से उदयपुर जाते हुए मेन सडक पर एकलिंग जी से कुछ ही लेफ्ट हैंड साईड पर आगे एक मार्ग आता है । इधर घुमने पर यह कच्चा रास्ता कुछ दुरी पर एक दीवार के वहां रूक जाता है यहां से पैदल ही जाना होता है पहाड पर बने मंदिर पर । सीमेंट से बनी पगडंडी पुरे रास्ते पर है ।
उपर मंदिर में माताजी की श्रंगारित प्रतिमा है जिसके दर्शन करने का लाभ उठा सकते हैं । पहाड से ही दूर देवीगढ़ भी नजर आता है । यहां पर एक स्थान एसा भी है जहां से जोर से आवाज दो तो वह वापस गूंजती हुई आप तक लौट के आती है । हम लोग तो बारिश के मौसम में गए थे तब तो नजारा ही कुछ और था । अगर आप घुमने फिरने के शौकीन हैं तो जरुर जाएं यहां ।
shriram murmure // Mar 2, 2010 at 8:18 am
priya sahab aour mensaheb,
merrko hindi me bachoke naam chaahihe