हमारा देश भारत हमेशा से ही अनेकता में एकता का संदेश देता रहा हैं, पूरी दुनिया में ए॓सा शायद एक ही देश है हमारा भारत जहां बहुत बहुत सारी विविधताएं है, मसलन भाषा की, खानपान की, संस्कृति की, पहनावे की, सभ्यता की, स्थान की और प्राकर्तिक विविधताएं | यहां हर धर्म को मानने वाले को सम्मान है और को यदि किसी को भी ना माने तो भी कोई बाध्यता नहीं | इस ही एकता, अखन्डता के संदेश को और भी ज्यादा रुप से प्रोत्साहित करने के लिये कुछ विडीयो बनाये गये थे जो डी.डी. यानी दूरदर्शन पर अक्सर आते थे | इन सबके पीछे बडे से संदेश छुपे हुए थे, दुनिया संसार में प्रगतिमान होते भारत के प्रति |
इन अनमोल विडीयो फिल्मों में हम देख सकते हैं कि तब तक के समय में भारत के बेहतरीन महान गायक, नर्तक, संगीतकार, साजिन्दे, खिलाडी, गायक कलाकार आदि नें इनमें अपनी प्रस्तुतियां दी और जाने क्युं ये अनायास ही ये अपने समय के इतने ज्यादा देखे जाने वाले विडीयो बनें | तब 1985 – 2002 तक का वह समय और कौन भूल सकता हैं वो
अनमोल रत्नों को जो दूरदर्शन पर छाये रहते थेः
- मिले सुर मेरा तुम्हारा
- सुन सुन सुन मेरे मुन्ने सुन, सारा भारत ये कहे प्यार की गंगा बहे
- बजे सरगम हर तरफ से, गूंज बनकर देश राग
- सूरज से चमके हम, स्कूल चलें हम
अतं में जाते जातेः जाने आज की पीढ़ी को क्या हुआ हैं, कोई ए॓सी रचनाएं क्यों नहीं बना पा रहे हैं, जबकि तकनिकी तौर पर हम लोग पहले से काफी उन्नत हो चुके हैं, सारी सुख सुविधाएं अब ज्यादा मिल रही हैं | बीता हुआ समय फिर से नहीं आता हैं पर काश यदि ए॓सा हो सकता, 1985 – 2002 का वह सुनहरा समय फिर से आ जाये | तब तक आप आनंद लिजीये इन यादगार विडीयो का जिन्हे देख कर हमें फख्र होता है की हिन्दुस्तान की माटी में हम जन्में |
मिले सुर मेरा तुम्हारा
देश राग
स्कूल चलें हम
सारा भारत ये कहे प्यार की गंगा बहे
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