आज मेनें एक पागल को देखा ! जो फटे पुराने से गंदे चीथडे से होते जा रहे कपडों में लिपटा था ! लिबास से ही उसको पहचाना जा सकता था कि या तो वह पागल है या भिखारी ! बहुत गंदा सा शायद काफी दिनों से नहाया नहीं था । दाढ़ी बढ़ी हुई और बाल […]
आज मेनें एक पागल को देखा ! जो फटे पुराने से गंदे चीथडे से होते जा रहे कपडों में लिपटा था ! लिबास से ही उसको पहचाना जा सकता था कि या तो वह पागल है या भिखारी ! बहुत गंदा सा शायद काफी दिनों से नहाया नहीं था । दाढ़ी बढ़ी हुई और बाल […]
Tags: उलजुलुल·तरस पागल की कहानी·दुनिया·पथ्थर·पागल·पागल की कहानी·बकवास·बच्चे
में राजसमन्द से ही एक साधारण व्यवसायी युवक हूं, 1997 में मुझे कम्प्यूटर और नई तकनीकी आदि के बारे में जानने का मौका मिला तभी से हमेशा कुछ ना कुछ सीखने की कोशिश करता हूं | इसी क्रम में राजसमन्द के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देने वेबसाईट, वह भी हमारी सरल सुलभ हिन्दी भाषा में बनाने का मेनें स्वयं निश्चय किया !
अब अपने कार्य के साथ ही कुछ सालों (2006) से खाली समय में इस राजसमन्द की हिन्दी वेबसाईट को और ज्यादा निखारने की कोशिश करता हूं । जिला बनने के बावजुद भी पिछले कई सालों से हमारा जिला राजसमन्द विकास के लिये जो बाट जोह रहा है, वह मेरे खयाल से अत्यंत विचारणीय प्रश्न है ! इसी कोशिश में यह वेबसाईट राजसमन्द कांकरोली की आम जनता को समर्पित है, आप अपनी समस्याओं से हमें अवगत करायें और इस साईट को बेहतर बनाने हेतु सुझाव दें | या सीधे मुझे Whatsapp करें
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