टांटोल बांध नाथद्वारा के लिये पानी का एक बडा स्रोत है, यह नंदसमंद के नाम से भी जाना जाता है। नंदसमंद या टांटोल एक बडा सा तालाब है, वर्षाकाल में नदी से पानी आता है वह यहां ईकट्ठा हो जाता है। नाथद्वारा से जब खमनोर की तरफ जाते हैं तो यह मार्ग में ही पडता है । टांटोल गांव की तरफ यह बांध बना हुआ है, सो यह टांटोल बांध के नाम से ज्यादा प्रसिद्ध है। यहां के सुर्यास्त और सुर्योदय के समय नजारे बडे ही आकर्षक होते हैं ।
टांटोल बांध की पाल पर पैदल चलने पर एक बडा अजीब सा अनुभव होता है खासतौर पर जब यहां पानी पूरा भरा हुआ होता है । दूर दूर तक दिखाई देते हुए पानी की ओर देखकर जब हम पाल की तरफ अपनी नजर घुमाते है, तो लगता है कि यह पाल खासी मजबुत है कि नहीं, खेर ए॓सा महसूस होता है पर कोई दिक्कत नहीं है, यह मजबुती से बना हुआ है । यहां पाल के दोनों ओर बनी रेलिंग पर हाथ रखते हुए चलना व साथ में ठंडी हवा खाना एक बडा अच्छा सा अनुभव होता है। छोटे बच्चे पानी के साथ यहां खेलते हुए अक्सर नजर आ जाते हैं । बारिश के दिनों में काफी पर्यटक भी यहां आते रहते हें।
बरसात के समय जब पानी काफी आ जाता है तो टांटोल बांध की तरफ से भी गेट खोला जाता है, वह पानी एक बडी नहर से होता हुआ अन्यत्र जाता है। उस समय जब यह गेट खोला गया हो, व पानी नहर में से जा रहा होता है तब तो पानी की कल कल कि ध्वनि दूर से ही सुनाई देती है । पाल पर जा कर इस विहंगम नजारे को देखना काफी अच्छा लगता है ।
JITU // Jan 6, 2007 at 1:25 am
Bhai,
Aapne apni post admin ke login se kee hain, Aap ek aur use banaiye, apne naam se, us se post kariye, taaki aapke naam se narad par post aa sake.
Abhi woh post “jitu bhai” ke naam se dikha raha hai.
kisi bhi prakar ki pareshani ke liye mere ko email kariyega
dhanyavad
उन्मुक्त // Jan 6, 2007 at 3:41 am
अच्छा प्रयास है।
Divyabh // Jan 6, 2007 at 5:22 am
bhi gyan ke liye dhanyebad,i’ ll expect u to another destinetion.
laxmi narayan joshi // Aug 11, 2011 at 9:39 pm
THANKS, I AM FROM BIJNOL.